रोज़गार के लिए आज व्यवसायिक शिक्षा का अत्यंत महत्त्व

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
06-08-2018 04:08 PM
रोज़गार के लिए आज व्यवसायिक शिक्षा का अत्यंत महत्त्व

शिक्षा ग्रहण करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण बिंदु रोजगार का है। रोज़गार की समस्या शिक्षा के समुचित प्रबंध के बाद भी एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है। भारत में ज्यादातर आबादी कृषि सम्बंधित कार्यों में लगी हुयी है लेकिन औद्योगिकीकरण आ जाने का बाद रोज़गार कई और साधनों में खुले हैं। परन्तु रोज़गार के ढर्रे में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ। भारत में सरकार ही सबसे बड़ी इकाई है जो बड़ी मात्रा में नौकरियां प्रदान करती है।

नौकरियां इस आधार पर भी निकलती है की प्रत्येक वर्ष कितने लोग सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में बड़े मात्रा में रोजगार मुहैया करवाता है। उत्तर प्रदेश की लगातार दो सरकारों द्वारा सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की उम्र में लगातार 60 से 62 और अब 62 से 65 तक बढाने का प्रावधान बनाया गया है। यह विषय अत्यंत सोचनीय है क्यूंकि यदि सेवानिवृत्त होने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति को रोका जाएगा तो रोज़गार पर एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यदि देखा जाए तो यह भी एक बिंदु है की भारत में जनसँख्या की अधिकता है और यहाँ के युवाओं के लिए शिक्षकों की कमी भी एक अहम् मुद्दा है। उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहाँ पर 7,59,958 शिक्षकों की प्रारंभिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में जरूरत है जबकि यहाँ पर मात्र 5,85,232 शिक्षक ही कार्यरत हैं।

स्थिति वहां पर और भी मुश्किल हैं जहाँ पर उत्तर प्रदेश में 10,187 माध्यमिक और 4,895 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रत्येक स्कूलों में मात्र एक ही शिक्षक कार्यरत है। यह शिक्षा और रोज़गार के मध्य के फर्क को प्रदर्शित करता है। शिक्षा एक महत्वपूर्ण रोज़गार है परन्तु यदि देखा जाए तो भारत में इस रोज़गार को एक अच्छे रोज़गार के लिए नहीं जाना जाता है कारण यह है की इस रोज़गार में (प्रारंभीक और माध्यमिक) वेतन कम है। शिक्षा एक रोज़गार है जो व्यवहार पर स्थित है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है की शिक्षकों का।

चयन किस प्रकार से किया जा रहा है। रोज़गार के लिए व्यवसायिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण बिंदु है जिसमे व्यक्ति को किसी एक क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाता है। इस प्रकार से कोई एक अपनी मन पसंद क्षेत्र में रोज़गार प्राप्त कर सकता है। शिक्षा में बी एड, बी टी सी आदि ऐसे माध्यम है जिनसे माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्रणाली का ज्ञान प्राप्त होता है।

संदर्भ:
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2.https://www.theguardian.com/education/mortarboard/2011/may/24/vocation-qualifications-graduate-unemployment-university
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Vocational_education
4.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/up-raises-retirement-age-of-natl-state-award-winning-teachers-to-65/articleshow/65093102.cms
5.https://www.quora.com/Why-is-teaching-not-considered-a-good-profession-in-India
6.https://www.youthkiawaaz.com/2012/04/teaching-as-a-profession-attitudes-and-where-india-stands/