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मैकडॉनल्ड्स (McDonald’s) का नाम सुनते ही दिमाग में स्वादिष्ट फास्ट फूड (वेज बर्गर (Veg Burger), चीज़बर्गर (Cheese Burger), फ्रेंच फ्राइस (French Fries), चिकन उत्पाद, सॉफ्ट ड्रिंक्स (Soft Drinks), मिल्कशेक (Milkshake), मिठाईयां आदि) की तस्वीरें उभरकर सामने आने लगती हैं। मैकडॉनल्ड्स को अपनी यह छवि बनाने के लिए एक लम्बा सफर तय (1940 से) करना पड़ा। जिसके परिणामस्वरूप आज इसने विश्व स्तर पर रेस्तरां की श्रृंखला तैयार कर दी है।
1940 के दौर में रिचर्ड और मौरिस मैकडॉनल्ड द्वारा कैलिफोर्निया में मैकडॉनल्ड की नींव रखी गयी, जिसे इन्होंने अपने पिता के हॉट डॉग के फूड स्टेंड को स्थानांतरित करते हुए "मैकडॉनल्ड्स बार-बी-क्यू " के नाम से खोला। यहाँ इन्होंने लगभग 25 प्रकार के खाद्य की सूची तैयार की जिसमें बारबेक्यू (Barbecue) प्रमुख थी। 1948 में रेस्तरां का नाम मैकडॉनल्ड्स रखा गया। अब तक दोनों भाईयों को एहसास हो गया था कि इन्हें हैमबर्गर में ज्यादा फायदा हो रहा है। अतः इन्होंने अपनी खाद्य सूची में कुछ परिवर्तन किये जिसमें इन्होंने कुछ नये खाद्य पदार्थों को जोड़ा तथा कुछ को हटा दिया। साथ ही इन्होंने अपने रेस्तरां में भी कुछ आवश्यक और व्यवस्थित परिवर्तन किये।
1952 में इनके द्वारा अपने व्यवसाय को बढ़ाने और मज़बूत करने के उद्देश्य से एक नई इमारत बनाने का निर्णय लिया गया। 1953 में इन्होंने अपने लिए फ्रैन्चाइज़ी की खोज प्रारंभ कर दी जिसमें इनके पहले फ्रैन्चाइज़ी पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के वितरक नील फॉक्स बने। धीरे-धीरे इनके फ्रैन्चाइज़ों की संख्या में वृद्धि हुयी और इनके रेस्तरां विश्व के विभिन्न भागों (वर्तमान समय में लगभग 180 देश) में फैले।
1960 के दशक में इन्होंने अपने खाद्य पदार्थों को विज्ञापन के माध्यम से बेचना प्रारंभ किया। साथ ही यह 22.50 डॉलर में एक शेयर के दाम पर सार्वजनिक भागीदारी (1965) के लिए खोल दिया गया। इसी दौरान इन्होंने पहली बार गोल्डन आर्च (Golden Arch, सुनहरा महराब) (1962) को अपने प्रतीक चिन्ह के रूप में उपयोग किया। मैकडॉनाल्ड का वर्तमान प्रतीक चिन्ह 1968 में अस्तित्व में आया जिसे मैकडॉनाल्ड के ‘M’ से लिया गया। 1980 में मैकडॉनाल्ड्स कॉर्पोरेशन उच्चतर औद्योगिक औसत वाली 30 कंपनियों में शामिल हुआ। 1990 में इसने चीन में प्रवेश किया।
मैकडॉनाल्ड्स द्वारा अमेरिका में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी अर्थात इनके द्वारा प्लास्टिक के उपयोग में कमी लायी गयी। साथ ही इन्होंने 2018 में घोषणा की कि यह पेय पदार्थ को पीने के लिए प्लास्टिक (Plastic) के स्ट्रॉ (Straw) का उपयोग नहीं करेंगे। 1997 तक इसके विश्व में 23,000 रेस्तरां खोल दिये गये थे, जिनकी संख्या आज लगभग 36,899 है। 1995 में मैकडॉनाल्ड्स ने दो सहयोगी अमित जाटिया और विक्रम बक्शी के साथ भारत में प्रवेश किया। 20वीं सदी के अंत से 21वीं सदी के प्रारंभ का दौर इसके लिए थोड़ा कठिन रहा। इनके द्वारा बनाए गये कुछ नये उत्पाद विफल हुए। साथ इनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही भी की गयी। जिसके परिणाम स्वरूप इनके खाद्य पदार्थों में अनेक स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद शामिल किये गये।
मैकडॉनल्ड्स की फ़्रैंचाइज़ी व्यवस्था के तहत इसमें निवेश के रास्ते खोल दिये गये। यह एक प्रकार से लाइसेंस का कार्य करता है। निवेश से प्राप्त राशि को रेस्तरां के विस्तार और विकास में उपयोग किया जाता है। ये फ़्रैंचाइज़ आवधिक होती हैं, जो लगभग बीस वर्ष के लिए होती हैं। मैकडॉनल्ड्स का सबसे बड़ा सहयोगी जापान है जहां लगभग 3,300 रेस्तरां हैं। कंपनी और इसके फ्रैंचाइज़ स्वतंत्र आपूर्तिकर्ताओं से खाद्य वस्तुएं, उपकरण आदि खरिदते हैं जिसकी गुणवत्ता का कंपनी द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है। ये फ्रैंचाइज़ कंपनी के जोखिम और लाभ के भी समान भागीदार होते हैं।
भारत में मैकडॉनल्ड्स की फ़्रैंचाइज़ी खरीदना थोड़ा कठिन है पर असंभव नहीं। भारत में इसकी फ़्रैंचाइज़ी दो उद्यमी हार्डकैसल रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष अमित जाटिया (उत्तर-पूर्वी भारत) और कनौट प्लाजा रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड के विक्रम बक्शी (दक्षिणी-पश्चिमी भारत) के हाथ में है।
इसकी फ़्रैंचाइज़ी खरीदने के लिए इसके दस्तावेजों, जिसमें मैकडॉनल्ड्स के फ़्रैंचाइज़ी धारकों के अधिकारों और जिम्मेदारियों का वर्णन है, को देखने की आवश्यकता है। साथ ही इसमें आधार लागत, क्षेत्रफल, प्रशिक्षण, संचालन और विकास खर्चों के बुनियादी सिद्धांत शामिल किये गये हैं। इसमें व्यवसायिक शर्तों के साथ कानूनी शर्तों को भी रखा गया है। अतः आपको फ़्रैंचाइज़ी खरीदने से पहले इसको गहनता से समझना आवश्यक है। जिसके लिए आप गूगल की सहायता भी ले सकते हैं।
1. मैकडॉनल्ड्स के फ्रैंचाइज़ी में 5 करोड़ रुपये की तरल पूंजी के साथ 6.6 करोड़ रुपये से 14 करोड़ रुपये तक का कुल निवेश आवश्यक है।
2. फ्रैंचाइज़ी शुल्क 30 लाख रुपये है।
3. फ्रेंचाइज़ी के रूप में, आपसे कुल विक्रय का 4% शुल्क लिया जाएगा।
इस वर्ष भारत के उत्तर पूर्वी भाग में मैकडॉनल्ड्स का सबसे अधिक विक्रय दर्ज किया गया है। भारत में भी इसने अनेक उतार चढ़ाव देखे किंतु फिर भी इसका व्यवसाय भारत में तीव्रता से बढ़ता जा रहा है।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/History_of_McDonald%27s
2.http://time.com/money/4602541/the-founder-mcdonalds-movie-accuracy/
3.https://marketrealist.com/2013/12/franchise-mcdonalds-franchise-agreements-work/
4.https://www.quora.com/How-much-does-it-cost-to-open-a-McDonalds-franchise-in-India-What-are-the-returns-if-it-doesnt-work
5.https://www.businessinsider.in/How-to-open-a-McDonalds-Franchise-in-India-How-much-will-it-cost-who-to-contact/articleshow/54525662.cms