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भारत कई प्रसिद्ध संगीतकारों की जन्मभूमि है। यहां पर तानसेन जैसे दिग्गज कलाकारों ने जन्म लिया और भारतीय संगीत को दुनिया भर में पहचान दिलाई है। वर्तमान में कई युवा संगीत की शिक्षा देने में रूचि रखते हैं और हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद संगीत में करियर बनाना चाहते हैं, परंतु कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनका संगीत के प्रति रूझान तो होता है परंतु उन्हें सही-सही जानकारी नहीं होती है कि संगीत की शिक्षा के लिये कितना समय लगता है या कौन सा कोर्स करना उचित होता है या उनके लिये कौन सा विद्यालय संगीत की शिक्षा के लिये सही होगा? तो चलिये जानते हैं संगीत में विशारद (स्नातक समकक्ष) और अलंकार (परास्नातक समकक्ष) करने में कितने वर्ष का समय लगता है और कुछ प्रमुख संगीत शिक्षण संस्थानों के बारे में जहां से आप संगीत की शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
यदि मेरठ के पास प्रमुख संगीत शिक्षण संस्थानों की बात की जाये तो दिल्ली में स्थित गान्धर्व महाविद्यालय और प्रयागराज (इलाहाबाद) की प्रयाग संगीत समिति शीर्ष स्थान पर है। दिल्ली के गान्धर्व संगीत महाविद्यालय की स्थापना 1939 में ग्वालियर घराने के संगीतज्ञ पद्मश्री विनयचन्द्र मुद्गल द्वारा की गयी। दरअसल 5 मई 1901 को लाहौर में विष्णु दिगम्बर पलुस्कर द्वारा पहला गंधर्व महाविद्यालय स्थापित किया गया था, बाद में इसकी कई शाखाओं की स्थापना की गई। आज दिल्ली का गान्धर्व महाविद्यालय सबसे पुराना संगीत विद्यालय है और इसका नेतृत्व प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक, पंडित मधुप मुद्गल कर रहे हैं।
गान्धर्व संगीत मंडल से जुड़े सभी विद्यालयों में संगीत में शिक्षा हेतु आपको 8 वर्ष का समय देना होता है। इन आठ वर्षों में आपको निम्न डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम उपलब्ध होते हैं:
प्रथम - द्वितीय वर्ष: - प्रारंभिक और प्रवेशिका (सीनियर सेकेंडरी समकक्ष)
तृतीय - चतुर्थ वर्ष: - मध्यमा
पांचवां - छठा वर्ष: - विशारद (स्नातक समकक्ष)
सातवां वर्ष - आठवां वर्ष: - संगीत अलंकार (परास्नातक समकक्ष)
वहीं यदि प्रयागराज (इलाहाबाद) की प्रयाग संगीत समिति की बात की जाए तो यहां भी आपको संगीत में पारंगत होने के लिए 8 वर्ष का समय देना होता है। यहां पर निम्न डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं:
प्रथम - द्वितीय वर्ष: - जूनियर डिप्लोमा
तृतीय - चतुर्थ वर्ष: - सीनियर डिप्लोमा
पांचवां - छठा वर्ष: - संगीत प्रभाकर
सातवां वर्ष - आठवां वर्ष: - प्रवीण संगीताचार्य
यदि आप मेरठ में ही संगीत की शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं तो मेरठ के शास्त्री नगर में स्थित स्वर साधना संस्थान एक अच्छा विकल्प है और तो और ये प्रयागराज (इलाहाबाद) की प्रयाग संगीत समिति से भी संबद्ध है। यहां आपको शास्त्रीय स्वर संगीत, गिटार और नृत्य में अनुभवी शिक्षकों से शिक्षा प्रदान की जाती है। यहां तक कि स्वर साधना संस्थान आपको शास्त्रीय संगीत को सीखने और समझने के लिये डिजिटल माध्यम भी प्रदान कराती है, आप यूट्यूब में इसके संगीत शिक्षण संबंधी विडियो (https://www.youtube.com/channel/UC-6sDv4IAMDe7QW8KZOyH-Q/videos) देख सकते हैं। ये डिजिटल माध्यम उन लोगों के लिये अच्छा विकल्प है जिनमें हमेशा संगीत सीखने की तमन्ना तो रहती है लेकिन परिवार में संगीत के प्रोत्साहन का माहौल नहीं मिल पाता है या फिर उन्हें सीखने के लिए कभी मौका और सही जरिया नहीं मिल पाता है।
ऐसे हजारों लाखों संगीत सीखने की इच्छा रखने वालों के लिए कई वेब साइटें (Web-Sites) जैसे की गान्धर्व महाविद्यालय पुणे (https://www.gandharvapune.org/cms/Learn-Music-Online.aspx), ऑनलाइनहिंदुस्तानीम्यूजिक.कॉम (https://www.onlinehindustanimusic.com/), विश्वमोहिनी मेलोडी प्लेयर (http://vishwamohini.com/music/home.php) आदि ऐसी भी है जो आपको ऑनलाइन संगीत सीखने का माध्यम प्रदान करती हैं। ये साइटें उन लोगों के लिये एक साधारण सा लेकिन अत्यंत उपयोगी विकल्प प्रस्तुत करती हैं जो किसी न किसी वजह से गुरु से सीधे शिक्षा नहीं ले सकते हैं।
संदर्भ:
1.https://www.prayagsangeetsamiti.co.in/Site-Detail-mod-Vocal-id.html
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Gandharva_Mahavidyalaya,_New_Delhi
3.https://swarsadhna.webs.com/
4.https://www.youtube.com/channel/UC-6sDv4IAMDe7QW8KZOyH-Q/videos
5.https://www.gandharvapune.org/cms/Learn-Music-Online.aspx
6.https://www.onlinehindustanimusic.com/
7.http://vishwamohini.com/music/home.php