आखिर क्या है वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और इसके मायने

अवधारणा I - मापन उपकरण (कागज़/घड़ी)
07-11-2019 11:57 AM
आखिर क्या है वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और इसके मायने

वायु को मानव जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में देखा जाता है। यदि इस पृथ्वी पर हवा न होती तो शायद ही इस गृह पर जीवन संभव हो पाता। मनुष्य से लेकर जीव जगत तक सभी हवा का प्रयोग करते हैं और इसी हवा में स्वांस लेते हैं। मानव के उद्भव से और नगरीकरण के शुरुआत से ही इस पृथ्वी की हवा दूषित होना शुरू हो गयी थी। जल से लेकर वायु तक सब मनुष्य की गलतियों से ही दूषित होना शुरू हुए और आज ऐसा माहौल बन चुका है की कितने ही स्थानों का हवा इतना जहरीला हो चूका है की उसमे सांस लेने वाला मनुष्य बिना मारे ही मरने के कगार पर खड़ा हो गया है। हवा के इस स्तर से मनुष्य के फेंफडे कार्य करना बंद करना शुरू कर दिए हैं।

मेरठ वैसे तो एक औद्योगिक शहर है और यह दिल्ली के अत्यंत समीप बसा हुआ है। उद्योगों के कारण यहाँ पर एक बड़ी आबादी आकर रहती है क्यूंकि उनको रोजगार की प्राप्ति यहाँ पर होती है परन्तु उस बड़ी विस्थापित आबादी को कई हवा से होने वाले रोग उपहार स्वरुप मिल रहे है। मेरठ की ए क्यू आई रीडिंग 593 है जो की अत्यंत ही खतरनाक और आपातकालिक स्थिति का संकेत है। ए क्यू आई वायु के गुणवत्ता के इंडेक्स से परे है इसकी रीडिंग यदि 300-500 तक हो तो इसका मतलब यह निकल कर आता है की वहां की हवा अत्यंत ही जहरीली हो चुकी है और वह कई लोगों को अपना निशाना बना रही है।

आइये जानने की कोशिश करते हैं ए क्यू आई के बारे में और प्रदुषण के अन्य मायनों के बारे में।

ए क्यू आई एक दैनिक वायु गुणवत्ता का सूचकांक है, यह हमें हवा के साफ़ और दूषित दोनों होने का संकेत देता है। यह जमीनी स्तर का ओजोन, कण प्रदुषण, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड आदि जैसे 5 वायु प्रदूषकों की गणना करता है। इन प्रदूषकों से मानव सुरक्षा के विषय में EPA ने एक राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक की स्थापना भी की है। ए क्यू आई का स्तर जितना अधिक होगा प्रदुषण उतना ही खतरनाक होता है। वायु प्रदुषण होने पर पूरे क्षेत्र में कोहरे जैसा माहौल तैयार हो जाता है और आँखों में जलन होने लगती है।

ऐसे में लोगों को कठिन कार्य करने से बचना चाहिए और सांस ज्यादा तेजी से नहीं लेनी चाहिए क्यूंकि सांस के साथ ही प्रदुषण के कण शरीर में प्रवेश करते हैं। घर के बाहर शारीरिक गतिविधियों पर निषेध करने की आवश्यकता होती है। अधिक से अधिक जल का सेवन जरूरी है क्यूंकि इसीसे शरीर के अन्दर का प्रदुषण बहार निकलता है। मास्क का प्रयोग और खुले में रखे हुए खाने से परहेज करना जरूरी है। घर में या बहार हवा को शुद्ध करने वाले पौधे लगाए। ज्यादा भीड़ वाले स्थान पर भी जाने से बचे। प्लास्टिक फटाके आदि कम से कम जलाएं और गाड़ियों के प्रयोग में कोताही बरतें। इन दिए हुए कार्यों से आप अपने आप और अपने परिवार को प्रदुष से बचा सकते हैं।

सन्दर्भ:
1.
https://airnow.gov/index.cfm?action=aqibasics.aqi
2. https://airnow.gov/index.cfm?action=aqibasics.pmhilevels
3. https://bit.ly/33dL5b3
4. https://bit.ly/2NeHiEG