समय - सीमा 277
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1034
मानव और उनके आविष्कार 813
भूगोल 249
जीव-जंतु 303
                                            एम्फीथिएटर एक ऐसी व्यवस्था है जो की खुले में कार्यक्रम आदि करने की सहूलियत प्रदान करता है। मेरठ में कई स्थानों पर इस प्रकार के थिएटर को देखा जा सकता है। मेरठ शहर में होने वाला नौचंदी का मेला विश्वविख्यात है और इस मेले को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। नौचंदी का मेला नौचंदी मैदान में लगता है ऐसे में इस स्थान को भी एम्फीथिएटर के रूप में तैयार किया जाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य हो सकता है जो की पूरे साल होने वाले उत्सवों में प्रयोग में लाया जा सकेगा।
दुनिया भर में इस प्रकार के थिएटरों का अत्यंत महत्व है और ये प्राचीन काल तक मानी जा सकती हैं। दुनिया के एक अन्य आश्चर्य के रूप में रोम के कोलोसियम को देखा जाता है जो की प्राचीन काल का एम्फीथिएटर के रूप में जाना जाता है। आइये इस लेख के माध्यम से रोम के कोलोसियम के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। कोलिज़ीयम को फ्लेवियन एम्फीथिएटर के नाम से जाना जाता है यह कोलिज़ीयम रोम शहर के ह्रदय में बसा हुआ है।
रोम इटली का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह चूना पत्थर, बसाल्ट पत्थर और ईंट के संयोग से कंकरीट का प्रयोग कर बना हुआ है। यह एक अत्यंत वृहद् थिएटर था जिसमे इसके बनने के समय इसमें कुल करीब 50000 दर्शक बैठ सकते थें। इस थिएटर का निर्माण ईसा पूर्व 72 में वेस्पसियन नामक राजा द्वारा शुरू किया गया था तथा इसका निर्माण कार्य करीब 80वीं शताब्दी इस्वी में उसके उत्तराधिकारी टाईटस के राजकाल में समाप्त हुआ। यह जब पूर्ण रूप से निर्मित हुआ तब से इसमें कई बदलाव किये गए हैं उन्ही बदलाव करने वालों में डोमिटीयन का शासनकाल एक था। उपरोक्त बताये गए तीनों शासक फ्लेवियन राजवंश के रूप में जाने जाते हैं। एम्फीथिएटर का नाम वास्तव इन्ही के परिवार फ्लावियस से आया है।
कोलिज़ीयम के समय के साथ हुए बदलावों के कारण इसकी दर्शकों की संख्या 50000 से करीब 80000 तक पहुच गयी थी और यदि औसत की बात करें तो इसमें करीब औसतन 65000 के करीब दर्शक बैठा करते थे। इस थिएटर में ग्लैडिएटरों के युद्ध हुआ करते थें, इस प्रकार के युद्ध रोम में अत्यंत प्रचलित थे तथा इस प्रकार के खेलों में तमाम प्रकार के योद्धा दुनिया भर से आते थें और वे यहाँ पर खुनी संघर्ष किया करते थें। कुछ और सन्दर्भों की बात करें तो यह पता चलता है की यहाँ पर विभिन्न लोग अपने दासों को भी ला कर लड़ाते थें जिनपर लोग पैसा लगाया करते थे। इस प्रकार के थिएटर में नाटकों आदि का भी प्रदर्शन किया जाता था जो की मुख्यतया पौराणिक गाथाओं पर आधारित हुआ करते थे।
समय के साथ सभी इमारतों का उतार चढ़ाव का पल आता है इसका भी आया और प्रारम्भिक मध्ययुगीन काल में इस इमारत का प्रयोग एकदम से नहीं हुआ। कालांतर में यह थिएटर धार्मिक कार्यों के लिए, एक किले के रूप में, इसाई के मंदिर और विभिन्न उद्योगों के रूप में प्रयोग में लाया जाने लगा। यह इमारत आज वर्तमान में रोम या यूँ कहें की इटली का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है और 2018 में यह कुल 7.4 मिलियन पर्यटकों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण के रूप में उभर कर सामने आया। इस थिएटर का सम्बन्ध रोमन कैथोलिक चर्च के साथ भी है जिसके कारण प्रत्येक वर्ष गुड फ्राइडे के दिन पोप कोलिज़ीयम के आस पास के रास्ते से क्रॉस का रास्ता निषिद्ध करते हैं।

सन्दर्भ:-
 
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Colosseum
2. https://bit.ly/2KOcDfP