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                                            सम्पूर्ण भारत में विभिन्न समयों पर विभिन्न मौसम का आगमन होता है। भारत उन कुछ गिने हुए देशों में ही आता है जहाँ पर सभी मौसम एक नियत समय के लिए आते हैं। वर्तमान समय में ठण्ड का मौसम शुरू है। ऐसे में पूरे भारत भर में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके का मौसम रहता है तथा ठण्ड भी उसी प्रकार से पड़ती है। अब यह ठण्ड क्यों पड़ती है और इसका कारण क्या है एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय है जिसपर वार्ता की जा सकती है।
मेरठ शहर उत्तर भारत का हिस्सा है जहाँ पर ठण्ड का प्रकोप बड़े पैमाने पर देखा जाता है। यह ठण्ड मुख्य रूप से हिन्द महासागर और भूमध्यसागर का बड़ा अहम् योगदान होती है। भूमध्य सागर क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले विजातीय तूफ़ान सर्दियों और बारिश का कारण बनते हैं। इन्हीं हवाओं ने उत्तरी भारतीय महाद्वीप के कई शहरों का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के भी नीचे लाया है। यह तापमान एक चिंता का विषय है जिसने वैज्ञानिकों को परेशान कर के रख दिया है। इसे अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन की श्रेणी में रखा जाता है। इस प्रकार के परिवर्तनों के बारे में बात करें तो यह पता चलता है कि उत्तरी भारत में जहां पारे का स्तर कम रहेगा वहीँ मध्य और दक्षिणी भारत में पारा उत्तर की तुलना में चढ़ा रहेगा। मौसम में फेरबदल ज्यादातर गंगा के मैदानी भाग और हिमालयी क्षेत्रों में ही देखा जाएगा। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ये भाग देश के अन्य हिस्सों से ठन्डे ही रहते हैं।
मौसम की जानकारी CCCR की रिपोर्टों (Reports) के आधार पर होती है। अब मौसम के इस प्रकार के फेरबदल के लिए यह कहा गया है कि जंगलों की कटाई, जलवायु में परिवर्तन, जंगली ज़मीन को कृषि के रूप में बदला जाना, ग्रीन हाउस गैसों (Greenhouse gases) आदि इसके ज़िम्मेदार हैं। ये तमाम कारण इस प्रकार से मौसम में बदलाव लाने की ओर बढ़ रहे हैं। जिस प्रकार से पर्यावरण में परिवर्तन आयेंगे उसी प्रकार से जलवायु में भी परिवर्तन देखा जाएगा। प्रदूषण के कारण स्मोग (Smog) भी अधिक देखने को मिलता है। पश्चिमी बदलाव जितना तीव्र होगा उतने ही चरम मौसम का सामना हमें करना पड़ेगा। जिस प्रकार से प्रदूषण आदि की मात्रा बढ़ी है उससे यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में तापमान में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 16 से 17 दिन से अधिक दिनों तक ठंडा मौसम होना एक दुर्लभ बात है। अब यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि एक ठंडा दिन किसे कहते हैं? एक ठंडा दिन उसे कहते हैं जब दिन के दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो और यदि अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री कम हो, तब वह एक गंभीर सर्द दिन कहलाता है। हवाओं के बदलाव के कारण से ठण्ड में फर्क पड़ता है और नए मौसम की शुरुआत होती है। मौसमों का बदलना पृथ्वी के विभिन्न कक्षाओं में पहुँचने के कारण भी होता है जहाँ वह विभिन्न कोण से सूर्य के चक्कर लगाती है।
संदर्भ:
1. https://www.indiatvnews.com/science/scientists-explain-whats-behind-north-india-cold-wave-weather-574191
2. https://indianexpress.com/article/explained/why-this-winter-is-extra-cold-6188129/
3. https://www.indiatoday.in/india/story/unusual-spell-of-cold-wave-grips-north-india-here-s-why-1631803-2019-12-26
4. https://indianexpress.com/article/explained/delhi-weather-temperature-winter-coldest-december-day-since-1901-express-explained-6191817/
5. https://www.businessinsider.in/polar-vortex-behind-cold-waves-in-north-india/articleshow/67755060.cms