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                                            मेरठ में ईद को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है तथा यहाँ पर सड़कों पर हजारों सेवियों की दुकाने सजी मिल जाती है। यह त्यौहार सभी में खुशियाँ बांटने का कार्य करता है। इस वर्ष कोरोना (Corona) के कारण ईद बड़े पैमाने पर नहीं मनाई जा सकती परन्तु हम सभी घर पर बैठ के विश्व के बेहतरी के लिए प्रार्थना जरूर कर सकते हैं। ईद एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पर्व है जो कि इस्लाम में वर्णित महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक के पूरा होने के बाद उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व रमजान के पूर्ण होने के बाद मनाया जाता है तथा यह शव्वाल के महीने का एक ऐसा दिन होता है जब मुसलामानों को उपवास करने की अनुमति नहीं प्राप्त होती है। ईद को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरी दुनिया भर में मनाया जाता है। जैसा कि यह त्यौहार चाँद पर आधारित है तो इसको मनाने के दिवस में कुछ परिवर्तन हमें जरूर देखने को मिलता है। ईद का प्रणेता पैगम्बर मोहम्मद को माना जाता है। यह त्यौहार पूर्ण रूप से उत्साह और जश्न से सम्बंधित होता है।
ईद को मनाने के लिए दुनिया भर में भिन्न भिन्न प्रथाओं का जन्म हुआ है तथा विभिन्न क्षेत्रों के लोग इस पर्व को अपने अनुरूप मनाने का कार्य करते हैं। ईद के उत्सव में चीनी या मिठाई का एक अहम् योगदान होता है, यही कारण है कि इस त्यौहार को कभी-कभी चीनी दावत के रूप में भी वर्णित किया जाता है। तुर्की (Turkey) की बात करें तो यहाँ पर मिठाइयों को बड़े पैमाने पर प्रयोग में लाया जाता है तथा यहाँ पर ईद के दिन उपहार आदि का भेंट चढाते हैं। इराक और सऊदी अरब (Iraq and Saudi Arab) में खजूर का सेवन अत्यंत ही महत्वपूर्ण व्यंजन माना जाता है। ईद के दौरान यह एक प्रमुख खाद्य के रूप में देखा जाता है। यमन, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि देशों में भी ईद को अलग अलग प्रकार से मनाया जाता है जैसे भारत की बात करे तो यहाँ पर सेवईं का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
ईद के दौरान, सबसे आम चीजें जो आम लोग एक दूसरे को कहते हैं वो है "ईद मुबारक"। अन्य देशों में हालांकि अलग-अलग शुभकामनाएं हैं। नाइजीरिया में, लोग "बल्ला दा सल्लाह" वाक्य का प्रयोग करते हैं। मलेशिया में, ईद को हरि राया कहा जाता है, इसलिए किसी को ईद की शुभकामनाएं देने के लिए वहां "सेलामत हरी राया" कहा जाता है। ईद अल-फितर के कुछ और भी भाग है जो की इस त्यौहार को महत्वपूर्ण बनाते हैं। जिनको उदाहरण के माध्यम से हम समझ सकते हैं, जैसा की हमें ज्ञात है कि इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक स्तम्भ दान, या ज़कात के रूप में जाना जाता है। ईद पर, ज़कात अल-फ़ित्र नामक एक विशिष्ट प्रकार की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। सार्वभौमिक परंपराओं के साथ-साथ विभिन्न देशों में कुछ अधिक विचित्र परम्पराएं मौजूद हैं। इनमें से एक अफगानिस्तान में है, जहां एक लोकप्रिय ईद गतिविधि में से एक है उबले अंडों को रंगना और उनसे लड़ाई करना इस खेल को तोखम-जंगी के रूप में जाना जाता है।

चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र में ईद के दौरान मेरठ के दिल्ली रोड स्थित बड़े ईदगाह का चित्र है। (Vimeo)
2. दूसरे चित्र में अलीगढ के उपरकोट पर ईद की नमाज का दृश्य है। (Youtube)
3. तीसरे चित्र में सोमालिया में ईद के दौरान प्रार्थना का चित्र है। (Unsplash)
4. अंतिम चित्र में इंडोनेशिया में ईद का चित्र है। (Freepik)
सन्दर्भ :
1.	https://www.aljazeera.com/indepth/inpictures/eid-al-fitr-2019-muslims-world-celebrate-190604145858133.html
2.	https://www.bbc.co.uk/bitesize/articles/z4cmkmn
3.	https://en.wikipedia.org/wiki/Eid_al-Fitr#Practices_by_country
4.	https://www.thenational.ae/arts-culture/what-is-eid-al-fitr-how-the-holiday-is-celebrated-around-the-world-1.870225
5.	https://www.officeholidays.com/holidays/india/eid-al-fitr