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मेरठ भारत का सबसे ज्यादा शहरी आबादी वाला और सबसे अधिक आबादी वाला 26वां जिला है। दुनिया के सबसे बड़े शहर और सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्र की सूची में मेरठ 2006 में 200वें और 2020 में 242वें स्थान पर था। महानगर से आशय एक खास धन के भौगोलिक क्षेत्र से है। तेजी से बढ़ती आबादी और औद्योगिक एवं तकनीकी विकास के कारण शहर की सीमाएं फैलकर दूसरे शहरों से सटती जा रही है, जिससे महानगर बनते जा रहे हैं। महानगर की परिभाषा ही है, 'लगातार शहरी क्षेत्र का विस्तार'। 1915 में पहली बार इस शब्द का प्रयोग पैट्रिक गेडेस (Patrick Geddes) ने दो अलग शहरी क्षेत्रों के विस्तार से निर्मित एक शहरी क्षेत्र के संदर्भ में किया था। इन महानगरों में आबादी का घनत्व बहुत ज्यादा होता है। यहां पर बहुत से उद्योग, उनसे जुड़े तमाम मजदूर और आधुनिक यातायात की व्यवस्था होती है। आसपास के इलाकों में तैयार हो रहे सामान की बिक्री के लिए यहां व्यवसायिक केंद्र होते हैं। महानगरों की अपनी आर्थिक पहचान होती है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई महानगरों के रूप में पहचाने जाते हैं। दिल्ली और उसके आसपास के शहरों को मिलाकर महानगर विकसित हो रहा है।
महानगरों से जुड़ी समस्याएं
तेजी से अनियंत्रित ढंग से हो रहे महानगरों के विकास से मूलभूत सुविधाओं की कमी होती चली जा रही है और नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल होता चला जा रहा है। इससे झुग्गी झोपड़ियों, अनाधिकृत जमीन पर कब्जे, गरीबी, बेरोजगारी, असुरक्षा और अपराध का बोलबाला हो रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था एक चुनौती बन गई है। यातायात व्यवस्था चरमरा गई है और पर्यावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गया है। औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में पैदा और एकत्र हुई ऊष्मा से एक शहरी ऊष्मा द्वीप की रचना हो जाती है। ज्यादातर सौर ऊर्जा जो ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचती है, में सिर्फ ऊपरी मिट्टी से ही पानी भाप बनता है। शहरों में बढ़ते तापमान के कारण यहां आसपास के क्षेत्रों से 1 से 3 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान ज्यादा रहता है।
महानगरों से लाभ
महानगरों के कुछ लाभ भी हैं। यातायात सस्ता होता है। शिक्षा रोजगार आवास के बेहतर अवसर मिलते हैं। महानगरों के खुले वातावरण में रहने से अलग-अलग समुदाय के लोगों से मिलने-जुलने के अवसर मिलते हैं। बेहतर और विविध प्रकार के उत्पाद मिलते हैं। गांव के मुकाबले शहरों में अधिक प्रतिस्पर्धा के कारण चीजों के दाम नियंत्रित और कम होते हैं। युवाओं के लिए विकास के बेहतर अवसर और सुविधाएं महानगरों में उपलब्ध हैं। बेहतर रोजगार और आमदनी के कारण महानगरों में पर्यावरण के अनुकूल बहुत सी सुविधाओं के प्रयोग से प्रदूषण कम करने में सहूलियत होती है।