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फोटोग्राफी में कृत्रिम प्रज्ञा( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence)) के प्रयोग ने इस कला को काफी आसान बनाया है और बहुत तरह की जटिलताएं कम हुई हैं। इससे फोटोग्राफी के भविष्य पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
क्या है कृत्रिम प्रज्ञा(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)
1956 की डॉर्टमाउथ कॉलेज (Dartmouth College) में हुई एक कॉन्फ्रेंस में पहली बार कृत्रिम प्रज्ञा के विषय में चर्चा हुई। उसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शब्द सार्वजनिक हो गया। मशीनों में इसके उपयोग से बहुत से काम आसान हो गए। बहुत से काम बिना कंप्यूटर की मदद से मनुष्य नहीं कर सकता लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वही काम आसानी से किया जा सकता है। एप्पल (Apple) के नए आईफोन (iPhone) में चेहरे पहचानने का नया सॉफ्टवेयर (Software) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ही देन है।
कृत्रिम प्रज्ञा और फोटोग्राफी का भविष्य
वास्तव में कृत्रिम प्रज्ञा स्मार्टफोन, मोबाइल बैंकिंग एप्स, कार का जीपीएस सिस्टम, कृत्रिम बाल प्रत्यारोपण (Hair Transplant) इत्यादि में हम इसका उपयोग कर सकते हैं। यह हर क्षेत्र में कारगर है और फोटोग्राफी भी इससे अछूती नहीं है। सच तो यह कि हम अपने स्मार्टफोन के कैमरे में इसका प्रयोग कर रहे हैं। अब फोटोग्राफी मात्र कैमरा, लेंस, सेंसर नहीं है, अब यह इनका समेकित रूप है, जो तुरंत फोटो खींचने का काम करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने फोटोग्राफी को कंप्यूटेशनल (Computational) प्रक्रिया में बदल दिया है, इससे फोटो संपादन का समय बहुत कम हो गया है और यह तो अभी शुरूआत है। अगले 5 वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फोटोग्राफी को पूरी तरह बदल देगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फोटोग्राफी
जो हम देखते हैं, वह किसी जीवित व्यक्ति द्वारा खींचा (Click) या बनाया जा सकता है। इसमें भी कोई शक नहीं की छवि बनाने के हजारों उपकरण होते हैं, लेकिन उन सबके लिए एक मानवीय उपस्थिति जरूरी होती है। लेकिन अगर हम इस क्षेत्र में तरक्की की बात करें तो माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से एक कलाकार तैयार किया है- ड्रॉइंग बोट (Drawing Bot)। यह किसी वस्तु के लिखित विवरण से उसकी प्रति छवि भी बना सकता है।
फोटोग्राफर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव
भविष्य में नए तकनीकी विकास से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण फोटोग्राफी में मौजूदा तकनीक को बदल सकते हैं। एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला कैमरा यह तय कर सकता है कि कब प्रकाश या फोटो कंपोजीशन (Photo Composition) सौंदर्य की दृष्टि से उपयुक्त है। अब वह दिन दूर नहीं है, जब हमारे पास पूरी तरह स्वचलित फोटोग्राफर होगा। गूगल (Google) की प्रतिक्रियाएं ज्यादा अच्छी नहीं है, लेकिन बीज तो बोये जा चुके हैं। पूर्ण विकसित होने वाली निर्माण तकनीक से भविष्य में अपनी तस्वीर बनाने में व्यवसाय खुद सक्षम हो जाएंगे, और व्यवसायिक फोटोग्राफर को अनुबंधित करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।