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गम्भारी भद्रपर्णी च श्रीपर्णी मधुपर्णिका।
काश्मीरी काश्मरी हीरा काश्मर्यह पीतरोहिणी।।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार गांभारी को कई नामों और गुणों से जाना जाता है, जैसे भद्रपर्णी, श्रीपर्णी, मधुपर्णिका, काश्मीरी, काश्मरी, होरा, काश्मार्या पिथरोहिनी, मधुरसा और महाकुसुमिका। ये सभी संस्कृत नाम हैं। स्वाद में यह मीठा, कसैला और कड़वा होता है। स्वभाव में गर्म और भारी होता है। गांभारी प्रजाति पाकिस्तान, भूटान और भारत के अलावा ब्राज़ील से लेकर इंडो-मलेशिया तक पाई जाती है। भारत में नीलगिरी के डेक्कन (Deccan) प्रायद्वीप, पूर्वी-पश्चिमी घाटों से लेकर नम पतनशील वनों जैसे हिमालय में गांभारी के वृक्ष मिलते हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उड़ीसा, प०बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु राज्यों और अंडमान द्वीप में ये प्रचुरता से पाए जाते हैं। ये वृक्ष नम, उपजाऊ ज़मीन में जिसमें पानी की निकासी की व्यवस्था हो, अच्छी तरह बढ़ते हैं। इसमें गुठलीदार फल लगते हैं। उसमें ब्यूटिरिक और टारटेरिक अम्ल (Butyric and Tartaric Acid), चीनी और थोड़ी टनीन (Tannin) होती है। इसकी पत्तियों में लूटिओलिन (Luteolin) मिलता है, जो ऑक्सीकरणरोधी होता है।
बनावट : गांभारी जल्दी बढ़ने वाला,पतझड़ी और दशमूला समूह का वृक्ष होता है, जिसमें दस जड़ों का समूह होता है। यह अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर है। कमज़ोरी दूर करने का इसमें अचूक गुण होता है। वात-पित्त रोगों का उपचार करता है। गांभारी की जड़ें, पत्तियाँ और फल सबमें औषधीय गुण होते हैं। गांभारी यानी गमेलिना अर्बोरिया (Gmelina Arborea) की ऊँचाई 20 मीटर तक होती है। पत्तियाँ साधारण, हृदय के आकार की, लाल-पीले रंग के उभयलिंगी फूल और नारंगी-पीले रंग के गुठलीदार- ख़ुशबूदार फल इसमें होते हैं।
प्रमुख औषधीय गुण :
गांभारी से अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी दिक्कतें दूर होती हैं। ये दर्द विनाशक होती है और सूजन कम करने में मदद देती है। पाचन सम्बंधी शिकायतें दूर होती हैं। हृदय को स्वस्थ रखती है। गांभारी रक्तचाप नियंत्रक,स्मृतिवर्धक, एंटी एजिंग एजेंट (Anti Aging Agent), शक्तिवर्धक, रक्तवर्धक, बालों के लिए उपयोगी, एंटासिड (Antacid), पित्त सम्बंधी दिक्कतों को दूर करने वाली, अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने, कुष्ठ के उपचार, बुख़ार तथा अन्य संक्रमणों को रोकने में सक्षम है।
प्राचीन समय से आज तक लगातार गांभारी की औषधीय खूबियाँ इसे प्रचलन में बनाए हुए हैं। अपने अनेक नामों की तरह ही इसके अनेक गुण भी हैं, जो सहजता से मनुष्य को स्वस्थ, दीर्घजीवी और युवा बनाए रखने में सक्षम हैं।