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वर्तमान समय में कोरोना महामारी के कारण विभिन्न क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्हीं में से एक है। भारत सहित कई देशों ने अपनी प्रमुख अंतरिक्ष परियोजनाओं को रोक दिया है, तथा परिस्थितियां अनुकूल हो जाने पर इन्हें फिर से शुरु किया जाएगा। इन परियोजनाओं में क्वांटम टेक्नोलॉजीज एंड एप्लीकेशन (Quantum Technologies & Applications) शामिल है, जिसके लिए सरकार ने अपने 2020 के बजट में पांच वर्षों में 8000 करोड़ के परिव्यय की घोषणा की थी। क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum computing), क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (Quantum cryptography) और क्वांटम संचार (Quantum communication) भारत को अपने प्रौद्योगिकी विकास को आगे बढ़ाने में अत्यधिक सहायक होगा। ऐसी ही अन्य परियोजना गगनयान भी है। यह समय अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्यों कि यह स्थानीय स्तर की परियोजनाओं के बारे में पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रों के बीच विभिन्न अंतरिक्ष परियोजनाएँ परिपक्वता के विभिन्न स्तरों पर हैं, इसलिए इन परियोजनाओं के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग भविष्य के लिए बेहतर विकल्प बन सकते हैं। यदि राष्ट्र अपने भविष्य के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों को स्थानीय से वैश्विक स्तर पर स्थानांतरित करने का निर्णय लेते हैं, तो यह वैश्विक समुदाय के लिए एक सकारात्मक विकास ला सकता है। अपनी अंतरिक्ष योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए यदि महत्वपूर्ण देश हाथ मिलाते हैं, तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तेजी से विकास होगा। जिस प्रकार से कोविड-19 दुनिया भर में फैलता जा रहा है, उसे देखते हुए भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने लॉन्चिंग और उससे सम्बंधित आवश्यक कार्यों से ध्यान हटाकर वेंटिलेटर (Ventilators) और हैंड सैनिटाइज़र (Hand sanitizers) विकसित करने में ध्यान केंद्रित किया है। इसरों के ऐसे कई मिशन हैं, जिनमें कोरोना महामारी के कारण देरी हुई है। इस देरी के बावजूद भी वे मिशनों को पूरा करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन मिशनों में गगनयान, चंद्रयान-3, मंगलयान-2, शुक्रयान-1, आदित्य- L 1 शामिल हैं। अभी इसरो का सबसे मुख्य मिशन गगनयान है, जिसे पहले 2020 में लॉन्च होना था, लेकिन अब कोरोना महामारी के चलते यह 2023 से पहले लॉन्च नहीं हो पायेगा। प्रथम मानव रहित गगनयान मिशन को पहले दिसंबर 2020 में तथा दूसरे मानव रहित मिशन को जून 2021 में योजनाबद्ध किया गया था। अंतिम और मुख्य गगनयान का मानवयुक्त मिशन, छह महीने बाद अर्थात दिसंबर, 2021 में निर्धारित किया गया था।
हालांकि, कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण अब इन तिथियों को आगे कर दिया गया है। इसी प्रकार, चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को 2021 में लॉन्च करने की योजना बनायी गयी थी, लेकिन अब इसके 2022 में लॉन्च होने की संभावना है। कई मीडिया रिपोर्टों (Report) ने दावा किया है, कि दूसरे मंगल मिशन के 2024 में लॉन्च होने की सम्भावना है। इसरो अब हमारे सौर मंडल के सबसे चमकीले ग्रह शुक्र पर अपनी पहली यात्रा करना चाहता है, इसलिए शुक्रयान-1 को 2024 या 2026 में लॉन्च किये जाने की संभावना है। अंतरिक्ष एजेंसी ने शुरू में आदित्य-एल 1 मिशन को 2019-2020 में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसमें देरी के कारण मिशन को 2022 में लॉन्च किया जा सकता है। इस प्रकार कोरोना महामारी विभिन्न प्रकार की अंतरिक्ष परियोजनाओं में देरी का कारण बनी है।