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भारत में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में सबसे बड़ी समानता यही है की ये सभी अपने आप में विशिष्ट तथा अद्वितीय होते हैं। मुस्लिम समाज के पाक महीने (सवम) में मनाया जाने वाला त्योहार ईद-उल-फितर भी कई मायनों में बेहद खास में होता है। यह त्यौहार मुस्लिम समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्यों की यह रमजान या रमदान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक होता है। इस महीने को पवित्र उपवास का महीना भी कहा जाता है। ईद-उल-फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। इस त्यौहार को पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय द्वारा अपने परिवार तथा दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ मिलकर अल्लाह की इबादत करके मनाया जाता है।
ईद एक अरबी शब्द है जिसका हिंदी अर्थ “खुशी अथवा उत्सव” होता है। जो भी मुस्लिम रामदान के पाक महीने में उपवास लेते हैं, उनके लिए ईद-उल-फितर उपवास तोड़ने का दिन होता है। इस्लाम धर्म के अनुयायी रमजान के महीने को आध्यात्मिक नवीनीकरण के तौर पर भी मानते हैं। ईद के जश्न से पूर्व , रमजान के महीने के दौरान, प्रत्येक मुस्लिम परिवार गरीब अथवा जरूरतमंद परिवारों को निश्चित धनराशि अथवा भोजन दान के रूप में देते हैं। दान में चावल, जौ, खजूर, जैसे भोज्य तथा फल शामिल होते हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाता है की कोई भी ज़रूरतमंद भूखा न सोये, इस्लाम धर्म में इस दान को सदक़ा-अल-फ़ित्र (दान) के रूप में जाना जाता है। ईद का जश्न तीन दिनों तक मनाया जाता है। इन दिनों में लोग सलत (इस्लामी प्रार्थना) का पालन करते हैं, और नए कपड़े पहनकर एक दूसरे को ईद-उल-फितर की बधाइयाँ 'ईद मुबारक' देते हैं।
विश्वभर में इस अवसर पर बनने वाले कुछ अन्य लज़ीज़ व्यंजनों को सूचि निम्नवत है।