हमारे पास ऐसे कई उपन्यास मौजूद हैं, जो पढ़ने वाले के मन में एक अमिट छाप छोड़ते हैं। आयन रैंड (Ayn Rand) की “द फाउंटेनहेड” (The Fountainhead) भी इन्हीं में से एक है।यह एक ऐसी किताब है,जिसने कुछ सबसे बड़े व्यापारियों और पूंजीपतियों की सोच को आकार दिया है।यह उपन्यास व्यक्तिवाद के दर्शन पर आधारित है,जो कहता है कि एक व्यक्ति की अपनी विचारधारा सर्वोपरि होती है। यह उस विचारधारा के विपरीत है, जो समाज के हित को सर्वोपरि मानता है। यह उपन्यास हावर्ड (Howard) नाम के एक प्रतिभाशाली वास्तुकार पर आधारित है, जिसकी सभी कृतियाँ बहुत ही रचनात्मक होती हैं,लेकिन अपरंपरागत होने के कारण लोगों को अजीब लगती हैं। इस कारण उसे उस कॉलेज से भी निकाल दिया जाता है, जहां वह वास्तुकारिता का अभ्यास कर रहा था, क्यों कि उसने कॉलेज की पुरानी रूढ़ीवादी परंपराओं का पालन करने से मना किया।वह अपने सभी डिजाईन नियमों को ताक पर रखके बनाता था, जो सबसे हटकर होते थे। लेकिन कोई भी इस प्रतिभा को नहीं समझ पाता था।सब चाहते थे कि सब लोगों की तरह वह भी भेड़-चाल में चलता रहे। कॉलेज से निकाले जाने के बाद हावर्ड न्यू यॉर्क (New York)चला जाता है,और वहाँ हेनरी (Henry)नाम के एक वास्तुकार की फर्म में काम करने लगता है।हावर्ड, हेनरी के काम की तारीफ करता था, क्यों कि उसके डिजाईन भी अपरंपरागत होते थे। लेकिन इस वजह से हेनरी की भी लोग आलोचना करते थे। अनेकों मुसीबतें आने के बाद भी हावर्ड अपनी विचारधारा पर अडिग रहा। तो आइए इन वीडियो के जरिए इस उपन्यास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।