योग शरीर को लचीला ही नहीं बल्कि ताकतवर भी बनाता है

गतिशीलता और व्यायाम/जिम
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योग शरीर को लचीला ही नहीं बल्कि ताकतवर भी बनाता है

आपने शायद इस बात पर अधिक ध्यान नहीं दिया होगा, लेकिन योग की एक बड़ी विशेषता यह भी होती है की, कई अन्य कसरतों की भांति, इसमें किसी भी मशीन या अन्य उपकरणों की आवश्यकता न्यूनतम या नहीं के बराबर होती है! अधिकांश योग मुद्राएं करने के लिए आपको केवल अपना शरीर और थोड़ी सी जगह की ही जरूरत होती है। योग से जुड़े ऐसे ही कई अन्य कारण और मुद्राएं है, जिनकी वजह से आज योग पूरी दुनियां में एक आदर्श व्यायाम के रूप में बेहद लोकप्रिय हो गया है।
व्यायाम के रूप में योग एक शारीरिक गतिविधि होती है, जिसमें मुख्य रूप से विभिन्न मुद्राएं शामिल होती हैं। यह मुद्राएं अक्सर बहने वाले अनुक्रमों से जुड़ी होती हैं, तथा आमतौर पर साँस लेने के व्यायाम के साथ शुरू होती हैं, और आराम से लेटने या ध्यान के साथ समाप्त होती हैं। अपने इस रूप में योग दुनिया भर में खासकर अमेरिका और यूरोप में भली भांति परिचित हो गया है। व्यायाम के रूप में योग को इसके स्वास्थ्य लाभों के दावों के द्वारा, पश्चिमी दुनिया में बेहद लोकप्रिय बनाया गया है। 20वीं सदी के मध्य से,विशेष रूप से पश्चिमी दुनिया में, योग का उपयोग, फिटनेस और लचक के लिए शारीरिक व्यायाम के रूप में किया जाता रहा है। हालांकि योग, विशुद्ध रूप से व्यायाम है या नहीं, इस पर कई लोगों में बड़ा मतभेद है। यद्दपि, हठ योग के उत्साही, पारलौकिक, विध्वंसक" तत्व योग को व्यायाम के रूप में उपयोग करते हैं।
दरअसल हठयोग, योग के कई प्रकारों में से एक है। हठयोग चित्तवृत्तियों के प्रवाह को संसार की ओर जाने से रोककर, अंतर्मुखी करने की एक प्राचीन भारतीय साधना पद्धति है, जिसमें प्रसुप्त कुंडलिनी को जाग्रत कर नाड़ी मार्ग से ऊपर उठाने का प्रयास किया जाता है और विभिन्न चक्रों में स्थिर करते हुए उसे शीर्षस्थ सहस्रार चक्र तक ले जाया जाता है।
हठयोग साधना की मुख्य धारा शैव रही है। यह सिद्धों और बाद में नाथों द्वारा अपनाया गया। मत्स्येन्द्र नाथ तथा गोरख नाथ उसके प्रमुख आचार्य माने गए हैं। गोरखनाथ के अनुयायी प्रमुख रूप से हठयोग की साधना करते थे। उन्हें नाथ योगी भी कहा जाता है। शैव धारा के अतिरिक्त बौद्धों ने भी हठयोग की पद्धति अपनायी थी। हठयोग के बारे में लोगों की धारणा है कि हठ शब्द के हठ् + अच् प्रत्यय के साथ 'प्रचण्डता' या 'बल' अर्थ में प्रयुक्त होता है।
सामान्यतः लोग हठयोग को एक ऐसे योग के रूप में जानते हैं, जिसमें हठ पूर्वक कुछ शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएं की जातीं हैं। इसी कारण सामान्य शरीर शोधन की प्रक्रियाओं से हटकर की जाने वाली शरीर शोधन की षट् क्रियाओं (नेति, धौति, कुंजल वस्ति, नौलि, त्राटक, कपालभाति) को हठयोग मान लिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं है, यह तो केवल शरीर शोधन के साधन है! वास्तव में हठयोग तो शरीर एवं मन के संतुलन द्वारा राजयोग प्राप्त करने का पूर्व सोपान के रूप में, विस्तृत योग विज्ञान की चार शाखाओं में से एक शाखा है।
एक आम गलत धारणा यह भी है कि, योग आसन (योग का शारीरिक अभ्यास) केवल शरीर को खींचने और शांत करने से संबंधित होता है। हालाँकि, योग और पोज़ की कई अलग-अलग शैलियाँ आपको ताकतवर बनाने में भी मदद कर सकती हैं। शक्ति प्रशिक्षण के कुछ रूपों में प्रतिरोध बैंड और भार शामिल होते हैं, जबकि अन्य में मशीनों की आवश्यकता होती है। लेकिन योग के अंतर्गत आप गुरुत्वाकर्षण और अपने शरीर के वजन के संयोजन से भी ताकतवर बन सकते हैं। यही कारण है कि योग आपको लचीले के साथ-साथ मजबूत भी बनाता है। लचीलापन, एक अच्छी तरह से संतुलित योग अभ्यास की केवल आधी कहानी है। योग में कई आसन आइसोमेट्रिक व्यायाम (isometric exercise) के रूप में योग्य होते हैं, जिसमें आप मांसपेशियों की लंबाई को बदले बिना एक निश्चित स्थिति में मांसपेशियों के संकुचन को पकड़ते हैं।
12-सप्ताह के हठ योग हस्तक्षेप के प्रभावों को देखते हुए एक अध्ययन में पाया गया कि, लचीलेपन के अलावा, योग ने मांसपेशियों की ताकत में भी काफी सुधार किया। योग के अंतर्गत मांसपेशियों के निर्माण के लिए आपको मशीनों की आवश्यकता नहीं है। इस बात के प्रमाण भी मौजूद हैं कि, नियमित रूप से अभ्यास करने पर योग शक्ति में भी सुधार करता है। योग में कई पोज़, बॉडी वेट ट्रेनिंग (body weight training) का एक रूप होते है, जो प्रतिरोध के लिए आपके शरीर के वजन का उपयोग करते है। योग के दौरान आपके शरीर के वजन का लाभ उठाकर कुछ स्थितियां और मुद्राएं, मांसपेशियों को चुनौती देती हैं और इसे मजबूत बनाती हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि, अध्ययन के अंत में, जिन महिलाओं ने आठ महीने तक सप्ताह में दो बार एक घंटे का अष्टांग योग किया, वे योग न करने वाली महिलाओं की तुलना में अपने पैरों से अधिक वजन उठाने में सक्षम थीं। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि योग, कोर और ऊपरी शरीर की ताकत तथा सहनशक्ति में सुधार करता है। प्रतिभागी छह सप्ताह की कक्षाओं के बाद अधिक कर्ल-अप और पुश-अप (Curl-up and Push-up) करने में सक्षम थे।
ओहायो के क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic in Ohio) में सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव एंड लाइफस्टाइल मेडिसिन (Center for Integrative and Lifestyle Medicine) के एक योग प्रशिक्षक, सैली शेरविन (Sally Sherwin) कहते हैं की, ऐसे कई कारक हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि आप योग करने से कितनी कैलोरी जलाएंगे, जिसमें ऊंचाई, बीएमआई (BMI) और उम्र शामिल है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (Harvard Medical School) में गणना किए गए कैलोरी अनुमानों के मुताबिक, हठ योग के आधे घंटे में औसत 125 पौंड व्यक्ति लगभग 120 कैलोरी जलाता है, और 185 पौंड व्यक्ति उस आधे घंटे में लगभग 178 कैलोरी जलाता है। इस बात के प्रमाण हैं कि योग का अभ्यास करने से अप्रत्यक्ष रूप से जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है।

संदर्भ

https://bit.ly/3HK7rWv
https://bit.ly/3zTvXCT
https://bit.ly/3Or9EsJ
https://bit.ly/3OwnQjG

चित्र संदर्भ
1. शक्तिवर्धक योग मुद्राओं को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
2. जटिल योगाभ्यास करते व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)
3. हठ योगाभ्यास को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. पेदान्त योग करते व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)