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जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे खाद्य आपूर्ति का संकट भी चिंता का विषय बन रहा है। लोगों का शहरों की ओर
पलायन और कृषि क्षेत्र में घटता रोजगार आने वाले बड़े खाद्य आपूर्ति संकट की ओर इशारा करता है। इसी के समाधान हेतु विश्व
भर में ऊर्ध्वाधर खेती या लंबवत खेती की एक तकनीक हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics) को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है।
यह उन क्षेत्रों में कृषि करने के लिए उत्तम तरीका है जहाँ लोगों की भूमि तक पहुँच सीमित है या जहाँ ग्रीन हाउस
(Greenhouses) के बाहर खेती के लिए जलवायु अनुकूल नहीं है। हाइड्रोपोनिक्स विधि को सामान्य खेती की तुलना में अधिक
फायदेमंद माना जाता है। इसका कारण यह है कि हाइड्रोपोनिक्स विधि से तैयार फसलों को 50% से 90% तक कम जल की
आवश्यकता होती है। इसके अलावा, यह तकनीक उन शहरी क्षेत्रों के लिए भी लाभदायक है जहाँ खेती के लिए खुला स्थान
उपलब्ध नहीं होता है और उपजाऊ मिट्टी की कमी होती है।
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का उपयोग करने वाले देशों में जापान (Japan) सबसे शीर्ष पर है। कई बड़े शहरों में ऐसे स्थान मौजूद
होते हैं जो बहुत समय से बंद पड़े हैं। उदाहरण के लिए, बंद कारखाने या दुकानें और भवन जिनमें अब लोग निवास नहीं करते हैं।
ऐसे स्थानों को शहरी कृषि जैसे हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक के
अन्य लाभों की बात करें तो यह साल भर फसल उगाने के लिए उपयुक्त है। इसमें ऊर्जा के लिए मौसम पर निर्भर नहीं रहना
पड़ता और सौर लैंपो (Solar Lamps) की सहायता से ऊर्जा प्राप्त करके साल भर मौसमी फल तथा सब्जियाँ प्राप्त की जा सकती
हैं। इसके अलावा, हाइड्रोपोनिक्स फसलों पर कीट तथा रोगों का पारंपरिक फसलों की तुलना में कम प्रभाव पड़ता है। यह फसलें
आम फसलों की अपेक्षा अधिक तेजी से विकसित होती हैं।
जब हाइड्रोपोनिक्स तकनीक को एक्वाकल्चर (Aquaculture) के साथ जोड़ा जाता है तब उस तकनीक को एक्वापोनिक्स
(Aquaponics) कहा जाता है। इस तकनीक में, जलीय जीवों के स्राव का उपयोग हाइड्रोपोनिक्स फसल के उत्पादन के लिए
किया जाता है। हालाँकि इस विधि का उपयोग अधिक बड़े पैमाने पर नहीं किया जा सकता परंतु शहरी क्षेत्रों में जहाँ कृषि योग्य
भूमि की कमी होती है वहाँ कृषि को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग लाभदायक है। यह सत्य है कि इस तकनीक में बहुत सारी
चुनौतियाँ भी हैं। हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से फसल उगाने के लिए पानी और ऊर्जा के लिए कृत्रिम स्रोतों की आवश्यकता पड़ती
है। इन कृत्रिम उपकरणों को चलाने के लिए अधिक मात्रा में बिजली की खपत होती है।
लैंकेस्टर विश्वविद्यालय (Lancaster University) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि शहरी
किसान हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक और अच्छी फसल उगाने में सक्षम हो सकते हैं।
इस अध्ययन को विकसित करने वाली रूर्बन क्रांति (Rurban Revolution) परियोजना के प्रोजेक्ट लीड प्रोफेसर (Project
Lead Professor) जेस डेविस (Jess Davies) के अनुसार, शहरी खाद्य उत्पादन को यह कहकर खारिज कर दिया जाता है
कि यह खाद्य सुरक्षा में सार्थक योगदान नहीं दे सकता है। इसलिए उन्होंने शहरी वातावरण में अच्छी फसलें उगाने के साक्ष्य
इकट्ठा करने का निर्णय लिया। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि कुछ फसलों, जैसे खीरा, कंद और सलाद पत्ते की शहरी
पैदावार पारंपरिक खेती की तुलना में दो से चार गुना अधिक है। इसके अलावा पानी में उगाई जाने वाली सब्जियाँ जैसे चैरी
टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ हाइड्रोपोनिक्स वातावरण में अच्छी तरह से विकसित हो पाई। अच्छी तरह से नियंत्रित वातावरण
में फसलें साल भर भी उगाई जा सकती हैं। जिससे पैदावार भी अधिक होती है। हालाँकि लागत एक महत्वपूर्ण प्रश्न है फिर भी
अध्ययन से सामने आई कई फसलों का शहरी उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा समान या उच्च स्तर पर किया जाता है।
53 देशों में शोध के नए पेपर शहरों में कृषि पर अध्ययन को संकलित करते हैं। इससे यह पता लगाने में सहायता मिलेगी की
शहरों में कौन सी फसलें अच्छी तरह से विकसित होती हैं, कौन से खेती के तरीके सबसे ज्यादा प्रभावी हैं, और किन स्थानों को
फसल उगाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। सभी अध्ययनों ने निजी और सामुदायिक उद्यानों, पार्कों और इस प्रकार के
अन्य क्षेत्र जैसे हरे-भरे स्थानों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस पेपर में 'ग्रे' (Grey) रिक्त स्थान भी शामिल हैं।
यह वे स्थान होते हैं
जो पहले से निर्मित है परंतु इन स्थानों को फसल उगाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए छत, भवन के
अग्रभाग आदि। इन दोनों ही स्थानों में, मिट्टी में उगाई जाने वाली फसलों बनाम हाइड्रोपोनिक्स से उगाई जाने वाली फसलों,
भूमि पर क्षैतिज खेती बनाम ऊर्ध्वाधर खेती, और प्राकृतिक बनाम नियंत्रित स्थितियों में उगाई जाने वाली फसलों के पूरे समूह
की जाँच की गई है।
वर्तमान अनुमान बताते हैं कि 5% से 10% तक सब्जियाँ, फल और कंद शहरी वातावरण में उगाए जा सकते हैं। 15% से 20%
वैश्विक भोजन का उत्पादन शहरों में होता है। परंतु शहरी क्षेत्रों में सभी लोगों को इस वातावरण में फसल उगाने की जानकारी न
होने के कारण बड़ी मात्रा में भोजन उत्पन्न करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए निश्चित और
महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए। सामुदायिक उद्यानों, शहरी खेतों, छतों, इनडोर वातावरण (Indoor Environment),
और घर के पीछे बगीचों में खाद्य फसलों के उत्पादन की जानकारी देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की
आवश्यकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3CWWTD2
https://bit.ly/3CUL14D
चित्र संदर्भ
1. हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाये गए टमाटरों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. हाइड्रोपोनिक खेती को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक वाणिज्यिक एक्वापोनिक्स प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक एक्वापोनिक्स प्रणाली जो ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए पानी और ग्रीनहाउस प्रकाश का उपयोग करती है, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)