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                                              हमारा राज्य उत्तरप्रदेश, देश के सबसे महत्त्वपूर्ण राज्यों में से एक है। इसलिए, हमारे राज्य में स्थल, जल, हवाई एवं रेलवे परिवहन सेवाएं भी काफ़ी विकसित हैं।राज्य में उत्तर मध्य रेलवे के साथ-साथ उत्तरी, उत्तर–पूर्वी, पश्चिम–मध्य और पूर्व–मध्य रेलवे द्वारा भी सेवाएं प्रदान की जाती है। भारतीय रेलवे (Indian Railways) हमारे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।यह माल ढुलाई सहित कई अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और अन्य यात्रियों के लिए संयोजकता प्रदान करता हैं। हमारे राज्य में रेलवे का इतिहास 160 वर्षों से भी अधिक पुराना है।भारतीय रेलवे ने हमारे उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 9100 किलोमीटर रेलवे लाइनों के नेटवर्क का निर्माण करते हुए, हमारे राज्य को अन्य राज्यों की तुलना में शीर्ष स्थान पर खड़ा कर दिया है। हमारे राज्य का रेलवे नेटवर्क, पूरे भारत के रेलवे नेटवर्क का 14% है।
हमारा मेरठ शहर एवं रेलवे क्षेत्र भी इस रेलवे नेटवर्क का एक श्रेष्ठ हिस्सा एवं संयोजक है। क्या आप जानते है, मेरठ रेलमार्ग का इतिहास क्या रहा है? आइए पढ़ते हैं। 14 नवंबर, 1868 को दिल्ली रेलमार्ग के मेरठ और अंबाला खंड का उद्घाटन हुआ था। यह हमारे देश में अंग्रेज सरकार या ईस्ट इंडिया कंपनी(East India Company) का दौर था।सिंध रेलवे कंपनी की दिल्ली और पंजाब लाइनों के एक प्रतिनिधी के निमंत्रण पर, भारत के तत्कालीन वाइसरॉय व गवर्नर-जनरल(Viceroy and Governor-general of India) ने मेरठ और अंबाला के बीच दिल्ली रेलवे के इन खंडों का उद्घाटन किया था।
इस उद्घाटन समारंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी के अन्य अधिकारी, स्थानीय, नागरिक, सैन्य अधिकारी, अंबाला के निवासी व अन्य लोग, पटियाला के महाराजा, जींद और नाभा के राजा, मालेरकोटला के नवाब, सिस-सतलज राज्यों(Cis-Sutlej states) के प्रमुख और कुछ अन्य लोग भी शामिल हुए थे। उद्घाटन हेतु वाइसरॉय एक विशेष ट्रेन के साथ अंबाला से सहारनपुर के लिए निकले थे। तब उन्होंने मारकुंडी और यमुना नदियों पर बने बड़े पुलों का निरीक्षण भी किया था। सहारनपुर स्टेशन पर उनकी ट्रेन का स्वागत सहारनपुर,, मेरठ और दिल्ली के निवासियों द्वारा किया गया था। इसके बाद, वह वापस अंबाला लौट आए। 
अतः हम कह सकते हैं कि, 14 नवंबर का दिन अंबाला में एक भव्य दिन था। हालांकि, इस उद्घाटन के समय इस रेलवे खंड का पूरी तरह से निर्माण नहीं हुआ था।लेकिन, जिस रेलवे लाइन का यह भाग था, उसके लिए सर जॉनलॉरेंस (John Lawrence)द्वारा किए गए विशिष्ट प्रायोजन को ध्यान में रखते हुए तथा वाइसरॉय की मंजूरी के साथ, यह निर्धारित किया गया था कि, औपचारिक उद्घाटन उनके द्वारा ही किया जाना चाहिए। इसलिए, 14 तारीख की सुबह अंबाला रेलवे स्टेशन पर एक बहुत ही जीवंत और आकर्षक दृश्य प्रस्तुत किया गया था। स्टेशन की इमारत को आंतरिक और बाह्य रूप से झंडों और पौधों से सजाया गया था। 
नीचे प्रस्तुत किये गए लिंक के माध्यम से, आप हमारे शहर मेरठ के रेलवे स्टेशन का एक ऑनलाइन सफर कर सकते हैं:
दरअसल, पुरानी दिल्ली और मेरठ के बीच रेलवे लाइन का निर्माण वर्ष 1864 में ही किया गया था। मेरठ रेलवे स्टेशन की स्थापना ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा वर्ष 1857 के सिपाही विद्रोह के बाद 1865 के आसपास की गई थी। यह दिल्ली से हरिद्वार एवं देहरादून रेलवे लाइन पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली-मेरठ-सहारनपुर रेलवे लाइन पर भी स्थित है, जो दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर तथा सहारनपुर को जोड़ती है। दिल्ली से मेरठ शहर की रेलवे लाइन दोहरी तथा विद्युतीकृत है।जबकि, मेरठ-सहारनपुर खंड में एकल-विद्युतीकृत लाइन है। इसलिए, अब मेरठ-सहारनपुर खंड की लाइन का दोहरीकरण चल रहा है।
मेरठ सिटी(Meerut City) या मेरठ सिटी जंक्शन(Junction), हमारे मेरठ शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यह मेरठ-बुलंदशहर-खुर्जा लाइन और दिल्ली-मेरठ-सहारनपुर लाइन पर स्थित एक जंक्शन है, जो हापुड़ जंक्शन से होकर जाता है। साथ ही, यह कोलकाता-दिल्ली लाइन और दिल्ली-मेरठ-सहारनपुर लाइन से जुड़ता है।यह भारत के उत्तरी रेलवे क्षेत्र पर दिल्ली विभाग के अंतर्गत आता है। 
पिछले आठ वर्षों में, हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के प्रयास, पिछले कुछ दशकों की तुलना में 710% अधिक निवेश के साथ तेज किए गए हैं। इतने बड़े निवेश के परिणाम, राज्य के रेलवे में उन्नत बुनियादी ढांचे और आधुनिक यात्री सुविधाओं के साथ दिखाई दे रहे हैं। अब जल्द ही, भीड़भाड़ और असुविधा का युग अतीत की बात हो जाएगा और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एक नया रेलवे विभाग नागरिकों को बेहतर सेवा देने में सक्षम होगा।  
हमारे मेरठ के रेलवे में निम्नलिखित ढांचागत विकास हुए हैं। 
1.मेरठ-सहारनपुर मार्ग पर मेरठ-दौरालाखंड की रेलवे लाइन का दोहरीकरण; 
2.मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन में पुल संख्या 93 एवं 96 का पुनर्निर्माण तथा  
3.मुहिउद्दीनपुर, परतापुर, पाबली खास और दौराला रेलवे स्टेशनों पर एसएमसी पैनल टैंक(SMC panel tank) का प्रावधान।
आज हम जब मेरठ रेलवे स्टेशन को देखते हैं, तब हम इसके इतिहास के बारे में शायद ही सोचते हैं। परंतु, अब हम जान चुके हैं कि, हमारे रेलवे स्टेशन का इतिहास कितना महान रहा है।
 
 
संदर्भ 
https://tinyurl.com/494w5tzh 
https://tinyurl.com/3kyn2t7d 
https://tinyurl.com/bdcvpe7w 
https://tinyurl.com/4yz5nw66 
https://tinyurl.com/ysyss8c8 
https://tinyurl.com/96phuns7 
 
चित्र संदर्भ 
1. मेरठ छावनी रेलवे स्टेशन को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
2. मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
3. बाहर से देखने पर मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
4. मेरठ सिटी जंक्शन प्लेटफार्म को दर्शाता चित्रण (wikimedia)