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हमारे आसपास होने वाली आम घटनाओं को भी यदि आप बहुत ही धीमी गति से घटते हुए देख लें, तो आपका दुनियां में होने वाली प्रत्येक घटना को देखने के प्रति नजरिया ही बदल जायेगा।
हालांकि तकनीकी प्रगति के साथ आज हम मिली सेकेंड (Millisecond) में घट जाने वाली घटनाओं
को भी फुरसत से देख और सुन भी सकते हैं। जी हाँ कंपन को धीमा करने से हमें पैटर्न
(Pattern) का पता चल जाता है, और हम उनके द्वारा निर्मित की जाने वाली ध्वनि को भी
सुन पाते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप गिटार (Guitar) के तार के कंपन के वीडियो को
धीमा करते हैं, तो आप तार द्वारा बनाए गए पैटर्न को देखने के साथ-साथ तार के कंपन की
ध्वनि भी सुन सकते हैं।
ऊपर दिए गए वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक कलाकार ने छोटे-छोटे कंपनों का उपयोग करके छोटी सी रंगीन दुनिया बनाई है। इसे बनाने के लिए कलाकारों ने रेत, क्रिस्टल (Crystal), सूखी बर्फ, लोहे का बुरादा, चमक और साबुन के बुलबुले जैसी सामग्रियों का उपयोग किया है। मुख्य रूप से यहां पर कलाकारों ने गर्मी, हवा और सिमेटिक कंपन (Cymatic Vibration) का भी दक्षता से उपयोग किया है। सिमेटिक कंपन तब होते हैं जब आप सतहों को कंपित करने के लिए विभिन्न आवृत्तियों और ज्यामिति का उपयोग करते हैं, जो पैटर्न और प्रतिक्रियाएं बनाता है।
"ऑर्बिस
इंटेग्रा ("Orbis Integra)" नामक ऊपर दी गई लघु फिल्म में धीरे-धीरे आगे
बढ़ने वाली छोटी सामग्रियों के क्लोज़-अप शॉट्स (Close-Up Shots) दिखाए गए हैं, जिससे
वे ज्वालामुखी, भूकंप और ब्रह्मांडीय बदलाव जैसी प्राकृतिक घटनाओं की तरह दिख रहे हैं।
फिल्म बनाने के लिए कलाकारों ने फुटेज को 240 से 1000 फ्रेम प्रति सेकंड तक धीमा करने
के लिए एक विशेष कैमरा और लेंस प्रणाली का उपयोग किया। इसका मतलब यह है कि दो सेकंड
का शॉट लगभग आधे मिनट तक बढ़ाया जा सकता है। चलिए साथ मिलकर इन मनोरम दृश्यों का आनदं
लेते हैं।