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क्रिकेट, हमारे लिए सिर्फ़ एक खेल से बढ़कर एक जुनून है, जो लोगों को एकजुट करता है। हालांकि, क्रिकेट में बढ़ता जुआ, गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर रहा है। अवैध सट्टेबाज़ी और मैच-फ़िक्सिंग(Match-fixing), न केवल इस खेल की अखंडता को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि व्यक्तियों के बीच वित्तीय नुकसान और लत जैसी गंभीर समस्याओं को भी बढ़ाते हैं। सरकार और कानूनन संस्थाएं इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन जागरूकता फैलाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसलिए, आज हम क्रिकेट सट्टेबाज़ी के बारे में संक्षिप्त चर्चा करेंगे। इसके बाद, हम क्रिकेट में सट्टेबाज़ी के इतिहास पर एक नज़र डालेंगे, तथा इसकी उत्पत्ति और विकास का पता लगाएंगे। अंत में, हम यह जानेंगेकि, क्रिकेट सट्टेबाज़ी और जुए के लिए एक केंद्र कैसे बन गया।
क्या क्रिकेट सट्टेबाज़ी, इस खेल के जितनी ही लोकप्रिय है?
क्रिकेट, अब फुटबॉल के बाद दुनिया में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है। यह मुख्य रूप से यूरोपीय देशों(European countries), यूनाइटेड किंगडम(United Kingdom) और विशेष रूप से भारत में लोकप्रिय है। इसके बावजूद कि, हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, क्रिकेट हमारे देश में सबसे लोकप्रिय खेल बन चुका है। यह इस तथ्य में स्पष्ट है कि, हमारे पूरे देश में क्रिकेट क्लब्स हैं, औरबच्चों को सड़कों पर भी इसे खेलते हुए देखा जाता है। और तो और, क्रिकेट खिलाड़ी हमारे देश में सेलिब्रिटी जैसे सम्मानित होते हैं।
देश में खेल की ऐसी लोकप्रियता के साथ, यह समझ में आता है कि, क्रिकेट सट्टेबाज़ी भी उतनी ही लोकप्रिय है। इसका एक सबूत यह है कि, ऑनलाइन-यू के(Online-U K) जैसी सट्टेबाज़ी साइट को हर महीने 5000 नए पंजीकरण मिलते हैं, जबकि, हर महीने में केवल भारत से ही यहां 5,00,000 पेज आगंतुक होते हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग(Indian Premier League) या आई पी एल के दौरान, विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाज़ी साइट्स पर विशेष रूप से भारतीयों आगंतुकों की बाढ़ आती हैं। हमारे देश में आई पी एल सट्टेबाज़ी, सबसे प्रतीक्षित गतिविधियों में से एक बन चुकी है। आई पी एल, दुनिया भर में सबसे अधिक देखी जाने वाली टूर्नामेंटों की ‘शीर्ष 10’ सूची में है, और इस कारण, दुनिया भर में कई लोग इस टूर्नामेंट की मैचों पर अपने दांव लगाते हैं।
क्रिकेट में सट्टेबाज़ी का संक्षिप्त इतिहास-
खेल के प्रारंभिक काल में, क्रिकेट के विभिन्न प्रादेशिकी संघों पर अमीर लोग जुआ खेलते थे। क्रिकेट पर सट्टेबाज़ी को, फिर ब्रिटिश प्रेस द्वारा अधिक लोकप्रिय बनाया गया था, जो खेल को कवर करने के बजाय, ऑड्स(Odds) की रिपोर्ट करना पसंद करते थे। सत्रहवीं और अठारहवीं शताब्दी में, यूनाइटेड किंगडम के धनी लोग, अपने दांवों को मज़बूत करने हेतु, अपने खुद के क्रिकेट संघों को भी प्रायोजित करने लगे। जैसे–जैसे यह खेल अधिक लोकप्रिय हो गया, वैसे–वैसे औसत दर्शक किसी क्रिकेट मैच पर सट्टेबाज़ी में अपना हाथ आजमाता गया। इन छोटे दांवों एवं क्रिकेट के नए एवं सरल टूर्नामेंट्स(tournaments) के साथ, जुआ आम अभ्यास हो गया।
क्रिकेट में सट्टेबाज़ी घोटालों की भी अपनी हिस्सेदारी है। कहा जाता है कि, 2000 में, भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच खेली गई एक मैच में, दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान – हैंसी क्रोनजे(Hansie Cronje) ने मैच फ़िक्सिंग के लिए पैसे स्वीकार किए थे। आधुनिक खेलों में कुछ मामले हैं, जो ऐसे मामलों का अनुकरण करते हैं, और दर्शाते हैं कि, सट्टेबाज़ी खेल को कैसे प्रभावित करती है।
आधुनिक युग में विशेष रूप से खेलों में प्रौद्योगिकी का तेज़ विकास, वास्तव में क्रिकेट को भी प्रभावित कर रहा है। इस कारण, ऑनलाइन सट्टेबाज़ी, क्रिकेट पर दांव लगाने का एक आम तरीका बन गया है, जहां मोबाइल ऐप और वेबसाइट सट्टेबाज़ी को आसान बना रहें हैं। इस सुविधा के चलते, क्रिकेट प्रशंसक कभी भी और कहीं भी, मैच पर दांव लगा सकते हैं। प्रौद्योगिकी के कारण, वास्तविक समय के डेटा और इन-प्ले सट्टेबाज़ी(In-play betting) तक पहुंच ने दांव लगाने वाले लोगों के अनुभव को और भी सुलभ कर दिया है।
क्रिकेट जुआ और सट्टेबाज़ी के लिए, एक केंद्र कैसे बन गया?
•लोकप्रियता-
साधारणतः आप उन्हीं खेलों पर दांव लगाते हैं, जो आपका सबसे पसंदीदा है। और बेशक ही, भारत में क्रिकेट का एक बड़ा प्रशंसक आधार है।
•त्वरित लाभ-
इस खेल पर दांव लगाकर, पर्याप्त रकम अर्जित करने के बाद, कई लोगों ने क्रिकेट सट्टेबाज़ी पर ध्यान केंद्रित किया है। देश के कई नागरिक, इसी आशा के साथ सट्टेबाज़ी में उतरते हैं।
•अनगिनत विकल्प-
क्रिकेट पर दांव लगाते समय छोटे से लेकर बड़े, व्यापक विकल्प उपलब्ध हैं। कई खिलाड़ियों द्वारा, ऐसे विकल्पों की उपलब्धता का फ़ायदा उठाया जाता है।
•डेटा उपलब्धता-
इस खेल के बारे में डेटा तक पहुंच, किसी भी सट्टेबाज़ के लिए महत्वपूर्ण है। आज, इंटरनेट सहित कई प्रिंट और डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं, जहां कोई भी क्रिकेट डेटा तक पहुंच सकता है।
•सुविधा-
सट्टेबाज़ी वाली विभिन्न वेबसाइट्स एवं ऐप्स, मोबाइल उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करते हैं। साथ ही, नाममात्र प्रारंभिक भुगतान के कारण, खिलाड़ी तुरंत ही इनका उपयोग कर सकते हैं।
संदर्भ
मुख्य चित्र स्रोत : Pixhive
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